"लघुसिद्धान्तकौमुदी" इत्यस्य संस्करणे भेदः
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पङ्क्तिः ३८१:
कृत्तद्धितान्तौ समासाश्च तथा स्युः॥<BR>
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<B>स्वौजसमौट्छष्टाभ्याम्भिस्ङेभ्याम्भ्यस्ङसिभ्याम्भ्यस्ङसोसाम्ङ्योस्सुप्॥</B> (लसक_११८ = पा_४,१.२) <BR>
सु औ जस् इति प्रथमा। अम् औट् शस् इति द्वितीया। टा भ्याम् भिस् इति तृतीया। ङे भ्याम् भ्यस् इति चतुर्थी। ङसि भ्याम् भ्यस् इति पञ्चमी। ङस् ओस् आम् इति षष्ठी। ङि ओस् सुप् इति सप्तमी॥<BR>
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