अष्टांग हृदयम्, आयुर्वेद का प्रसिद्ध ग्रन्थ है। इसके रचयिता वाग्भट हैं। इसका रचनाकाल ५०० ईसापूर्व से लेकर २५० ईसापूर्व तक अनुमानित है। इस ग्रन्थ में ग्रन्थ औषधि (मेडिसिन) और शल्यचिकित्सा दोनो का समावेश है। चरक, सुश्रुत और वाग्भट को सम्मिलित रूप से वृहत्त्रयी कहते हैं।

अष्टांग हृदय में 6 खण्ड, 120 अध्याय एवं कुल 7120 श्लोक हैं।

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